25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस है । पूज्य बापूजी द्वारा प्रारम्भ किये गये इस पर्व ने विश्व में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है । इस पर्व की आवश्यकता और तुलसी की महत्ता बताते हुए पूज्यश्री कहते हैं :
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
शास्त्रवेत्ता, कुण्डलिनी योगसिद्ध , आत्मसाक्षात्कारी, ब्रह्मज्ञानी संत परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने, न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपने अमृत प्रवचनों से तृप्त किया है। वे विगत 50 वर्षों से भी अधिक समय से लोगों के आध्यात्मिक उत्थान हेतु निस्वार्थ भाव से समर्पित हैं और प्राणीमात्र में एक ईश्वरीय सत्ता का उपदेश देते हैं। न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों के अनुयायि भी पूज्य बापूजी से दीक्षा प्राप्त कर गर्व महसूस करते हैं । भारत की राष्ट्रीय एकता-अखंडता व शांति के प्रबल समर्थक पूज्य बापूजी ने राष्ट्र के कल्याणार्थ अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है।

पूज्य बापूजी सारे देश में भ्रमण करके जागरण का शंखनाद कर रहे हैं , सर्वधर्म-समभाव की शिक्षा दे रहे हैं, संस्कार दे रहे हैं तथा अच्छे और बुरे में भेद करना सीखा रहे हैं |
पूज्य बापूजी एवं उनके आश्रम द्वारा गरीबों और पिछड़े लोगों को ऊपर उठाने के कर्य चलाये जा रहे हैं, मुझे प्रसन्नता है | मानव कल्याण के लिए, विशेषतः प्रेम व् भाईचारे के सन्देश के माध्यम से किये जा रहे विभिन्न आध्यात्मिक एवं मानवीय प्रयास समाज की उन्नति केलिए सहरानीय हैं |
About Ashram
ऋषि आश्रम एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहाँ आप आत्मानन्द का अनुभव कर सकते हैं। वास्तव में यह आध्यात्मिक तपस्या स्थली है | वर्ष 1972 में, भारत के एक पवित्र व आत्म-अनुभवी संत, संत श्री आशारामजी बापू ने इसे अपने आध्यात्मिक अभ्यास, योग और भक्ति के माध्यम से एक-ऋषि-उद्यान ’के रूप में स्थापित किया था।
Information in Numbers
आश्रम
समाज सेवा और लोगों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु दुनिया भर में कई आश्रमों का निर्माण हुआ है ।
सेवा समितियाँ
निष्काम कर्मयोग हेतु सेवा समितियाँ, आश्रम की सेवाओं को समाज के कोने-कोने तक पहुँचाने में जुटी रहती हैं।
बाल संस्कार केन्द्रः
बच्चों में सुसंस्कार सिंचन हेतु, उनके जीवन के सर्वांगीण विकास हेतु – विश्व भर में निःशुल्क ‘बाल संस्कार केन्द्रः’ चलाये जाते हैं |
गुरुकुल
आधुनिक विज्ञान और वैदिक आध्यात्मिकता के सही मिश्रण हेतु – एक महत्त्वपूर्ण कदम।
आश्रम के सेवा विभागों के संक्षिप्त विवरण
सबका मंगल ,सबका भला का उदघोष करनेवाले प्रातः स्मरणीय पूज्य संत श्री आशारामजी बापू अपने साधकों को भक्तियोग, ज्ञानयोग के साथ-साथ निष्काम कर्मयोग का भी मार्ग बताते है |पूज्य बापू जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में जनहित और समाज उत्थान के लिए विभिन्न सेवा कार्य देश विदेश में चलए जाते हैं | इन सेवा कार्यों को सुचारु रूप से चलाने हेतु विभिन्न विभागों का गठन किया गया है |
Seva Activities
50 वर्षों से निरंतर बहती जनहित की गंगा – ( बोलता -मुस्कुराता कर्मयोग )
Recent Articles
हमारे संतों और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, तुलसी एक दिव्य पौधा है जो लौकिक समस्याओं से लेकर धार्मिक कार्यों तक सभी के लिए रामबाण का काम करता है।अपने एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी
A Call to Embrace Tulsi and Sustainable PracticesTulsi has become a household name, known by almost everyone in Bharat. Beyond its high spiritual significance, it has also secured a place
Upcoming Tithis
आज का हिन्दू पंचांग :
25 जनवरी 2025, शनिवार11, माघ कृष्ण पक्ष, एकादशी
2081 पिङ्गल, विक्रम सम्वत
-
22 जनवरीबुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से दो.प. 3.18तक)
-
25 जनवरीषट्तिला एकादशी
-
26 जनवरीगणतंत्र दिवस
-
29 जनवरीदर्श अमावस्या
तन तंदुरुस्त व मन प्रसन्न रहे तथा बुद्धि में बुद्धिदाता का प्रसाद प्रकट हो । – पूज्य बापूजी
Healthy Living
अमरूद (जामफल) शीतकाल में पैदा होने वाला, सस्ता और गुणकारी फल है जो सारे...
५ से ७ खजूर रात को पानी में भिगो दें। सुबह गुठलियाँ निकाल के...
१०० ग्राम खजूर में ८०४ मि.ग्रा. पोटैशियम, ३ मि.ग्रा. सोडियम, ३ मि.ग्रा. लौह तत्त्व,...
Sadhana
युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा: 'भगवन्! माघ मास के कृष्णपक्ष में कौन-सी एकादशी होती...
युधिष्ठिर बोले : श्रीकृष्ण! कृपा करके पौष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का माहात्म्य...
अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधं परिग्रहम्। विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूताय कल्पते।। ‘अहंकार, बल, घमण्ड, काम, क्रोध...
Gallery
सत्साहित्य
जिस घर में सत्साहित्य नहीं, वह घर नहीं , श्मशान है। – स्वामी विवेकानंद
माघ मास में प्रातःस्नान (ब्राह्ममुहूर्त में स्नान) सब कुछ देता है । आयुष्य लम्बा करता है, अकाल मृत्यु से रक्षा करता है, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य व सदाचरण देता...
11 दिसम्बर को श्रीमद्भगवद्गीता जयंती है । इस अवसर पर देश-विदेश में विविध आयोजन किये जाते हैं । संत श्री आशारामजी साधक परिवार द्वारा गीता जयंती संबंधी आयोजनों, जैसे...