Manokamna Purti Mantra aur Upay. [Tips to Fulfil Your Wishes/ Desires in Hindi]:
- गेहूँ, तिल, उड़द, मूँग और चावल इन पंचधान्यों को पीसकर आटा बना लें । इस आटे का दीपक बनाकर घी और लाल रंग की बत्ती से गोबर से बनायी गयी श्री हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलायें । इससे भय, विवाद, घरेलू संकट, रण संकट व दृष्टिदोष का निवारण होता है । विष, व्याधि व ज्वर से बचाव होता है । दुष्ट ग्रहों व भूतों का उपद्रव शांत होता है तथा बंधन से छुटकारा मिलता है । विविध प्रकार के भोग एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । (नारद पुराण, अध्याय : 75)
- सात प्रकार के धान्य (गेहूँ, जौ, चावल, चना, मूँग, उड़द और तिल) समान मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। सुबह स्नान करने के समय थोड़ा-सा पाउडर पानी में घोल लें। शरीर पर थोड़ा पानी डालकर शरीरशुद्धि के बाद घोल को पहले ललाट पर लगायें, फिर थोड़ा सिर पर, कंठ पर, छाती पर, नाभि पर, दोनों भुजाओं पर, जाँघों पर तथा पैरों पर लगाकर स्नान करें । ग्रहदशा खराब हो या चित्त विक्षिप्त रहता हो तो उपर्युक्त मिश्रण से स्नान करने पर बहुत लाभ होता है तथा पुण्य व आरोग्य की प्राप्ति भी होती है ।
- अभीष्ट की प्राप्ति हेतु संकल्प करके प्राणायाम करते हुए गायत्री मंत्र का जप करने से कामनापूर्ति होती है । (अग्नि पुराण : 259.3)
- जल में गौमूत्र मिलाकर स्नान करने से पापों का नाश होता है । दही लगाकर स्नान करने से लक्ष्मी बढ़ती है । (अग्नि पुराण : 267.6,7)
- पंचगव्य से स्नान करने से वात-संबंधी रोग नष्ट होते हैं तथा सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं । (अग्नि पुराण : 267.8,17)
- कुशोदक स्नान से पापों का नाश होता है । (अग्नि पुराण : 267.8)