Varsha Ritu Date 2021 - 21 June to 21 August
Varsha Ritu me Kya Khaye ?
- भोजन में मधुर, खट्टे व लवण रसवाले, चिकनाईयुक्त, वातशामक, जठराग्निरक्षक द्रव्यों की प्रधानता हो । (चरक संहिता, भावप्रकाश)
- पुराने जौ, गेहूँ, चावल, काला नमक युक्त मूँग का सूप, शहद व अन्य सुपाच्य पदार्थों का सेवन करें । (चरक संहिता, अष्टांगहृदय)
- सोंठ, काली मिर्च, तेजपत्ता, दालचीनी, जीरा, धनिया, अजवायन, राई, हींग, पपीता, नाशपाती, सूरन, परवल, तोरई, बैंगन, सहजन, मूँग दाल, कुलथी, नींबू, करेला, पुनर्नवा, पुदीना, आँवला व तुलसी का सेवन लाभदायी है ।
- पहले का खाया हुआ पच जाने पर जब खुलकर भूख लगे व शरीर में हलकापन लगे तभी दूसरा भोजन करें । (अष्टांगहृदय आदि)
- गर्म करके ठंडा या गुनगुना किया हुआ पानी पीना चाहिए । (अष्टांगहृदय, चरक संहिता)
- सूखे स्थान पर रहें । घर में नमी न रहे इसका ध्यान रखें ।
- हलके, सूती कपड़े पहनें। सफेद वस्त्र विशेष लाभदायी हैं ।
Varsha Ritu me Kya Na Khaye?
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, पत्तागोभी, मेथी आदि तथा पचने में भारी, वातवर्धक एवं बासी पदार्थ का सेवन न करें ।
- उड़द, चना, अरहर, चौलाई, आलू, केला, आम, अंकुरित अनाज, मैदा, मिठाई, शीतल पेय, आइसक्रीम, दही व सत्तू का सेवन न करें ।
- दिन में सोना, ओस गिरते समय उसमें बैठना या घूमना, बारिश में भीगना, अधिक व्यायाम एवं मैथुन छोड़ देना चाहिए । (चरक संहिता आदि)
- रात्रि में खुले आकाश के नीचे न सोयें ।
- स्नान के बाद या बारिश में भीगने के बाद गीले शरीर कपडे न पहनें । शरीर को अच्छे-से पोंछकर ही कपडे पहनें ।
- खुले बदन न घूमें ।
- देर रात को भोजन न करें ।
- रात्रि जागरण न करें ।